तीन चोरों ने मिलकर कैसे एक ब्राह्मण को बेवकूफ बनाया ....
गंगा के किनारे एक गांव में, एक ब्राह्मण रहता था। वह एक धार्मिक और ईश्वर से भयभीत व्यक्ति था। वह अन्य लोगों के, घर में पूजा-पाठ कर के अपना जीवन यापन कर रहा था। एक दिन ब्राह्मण को पड़ोसी गांव में एक उत्सव में पूजा के लिए बुलाया गया।उसके इन सेवाओं के बदले, उन्हें एक बकरा उपहार के रूप में मिला।
ब्राह्मण ने आभार व्यक्त किया और प्रसन्न हुआ। उपहार में मिले बकरे को कंधे में उठाकर घर की और चंलने लगा। वह मन में विचार करने लगा। "यह एक उदार परिवार था,जो मुझे एक बकरा मिला है।" मेरी पत्नी और बच्चे बहुत प्रसन्न होंगे। जैसे ही वह अपने रास्ते से गाँव तरफ चंलने लगा। उसने ध्यान नहीं दिया कि उसके ऊपर नजर रखा जा रहा है। तीन चोरों द्वारा उसका पीछा किया जा रहा था। "हमें उस मोटे बकरे को पाना चाहिए", पहले चोर ने कहा। "यह हमारे लिए एक बहुत अच्छा भोजन होगा", दूसरा चोर ने कहा। "हमें पहले एक योजना के बारे में सोचने की जरूरत है।" तीसरे चोर ने कहा। तीनो ने ब्राह्मण को मूर्ख बनाने का फैसला किया।
तीनों चोरों में से पहला चोर ब्राह्मण के पास गया और कहा, "प्रिय ब्राह्मण, आप एक पवित्र व्यक्ति हैं, आप अपने कंधों पर इस 'गंदे कुत्ते' को क्यों ले जा रहे हैं?" "एक गंदे कुत्ता।" क्या आप नहीं देख सकते हैं कि यह एक बकरा है क्या आप अंधे हैं?" ब्राह्मण गुस्से में कहा। पहला चोर हँसा और चला गया।
ब्राह्मण ने बकरे की ओर देखा, और कहा "यह एक बकरा ही है"। और इसलिए उसने घर के लिये अपनी यात्रा फिर से शुरू किया। रास्ते में कुछ दूर जाने के बाद,आगे ब्राह्मण के पास दूसरा चोर आया। दूसरे चोर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए ब्राह्मण से कहा, "आप एक धार्मिक आदमी हैं, आप अपने कंधे पर एक मरे हुए बछड़े को क्यों ले जा रहे हैं"? ब्राह्मण क्रोधित हुआ और कहा "यह जीवित बकरा है ना कि, मृत बछड़ा।"
ब्राह्मण मुश्किल से कुछ दूर चला था, तब तीसरा चोर ब्राह्मण की ओर हाथ लहराते हुए आया "उस गधे को एक बार जमीन पर रख दो। यदि लोग आप को अपने कंधो पर एक 'गधे' को लादकर ले जाते हुए देखेंगे तो लोग आप के बारे में क्या सोचेंगे?" अब तक ब्राह्मण बहुत उलझन में पड़ चूका था। और सोचने लगा तीन अलग-अलग लोगों ने उसे बताया था कि वह अलग-अलग किसी जानवर को ले रहा है, ना कि एक बकरा को। उसने सोचा कि कुछ चीज गलत हो रहा है। "यह कोई बकरा नहीं है, यह कोई एक भयानक राक्षस होगा जो पल-पल अपना रूप बदल रहा है।" और यह सोचते हुए ब्राह्मण ने बकरे को नीचे फेंक दिया और जितने तेजी से अपने घर की ओर भाग सकता था,वह भाग गया।
तीनों चोर बहुत जोर-जोर से हंसने लगे। और वे अपनी योजना में सफल हुए। उन्होंने बकरे को उठाया और लेकर चल दिए। ब्राह्मण ने उनपर विश्वास करके कितनी मूर्खता कर दी थी।
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