दोस्तों आज मैं आप लोगों को बहुत ही विनाशकारी बमों परमाणु बम तथा हाइड्रोजन बम की सामान्य जाकारी देने जा रहा हूँ। दोस्तों जैसा की आप जानते है की ये दोनों ही बम बहुत ही विनाशकरी होते है तथा दोनों के इस्तेमाल से पूरी मानव जाती का अस्तित्व ही समाप्त हो सकता है। इसीलिए इसके अप्रसार के लिए कई प्रयास हो रहे हैं तथा कई अंतराष्ट्रीय संधि किए गए हैं।
दोस्तों इन दोनों बमों के निर्माण का तरीका भी अलग अलग होता है चलिये इसी को समझते हैं।
1.परमाणु बम :-इसे Nuclear Bomb या Atom bombभी कहते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रियापर आधारित होता है। इसमें U-235 ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस पर न्यूट्रान की बमबारी से यह क्रिया शुरू हो जाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा U-235 युक्त परमाणु बम (लिटिल बॉय) तथा नागाशाकी पर pu-239 से युक्त परमाणु बम (फैटमैन) गिराया था जिनमें लाखों लोगों की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
2. हाइड्रोजन बम - यह नाभिकीय संलयन प्रक्रिया पर आधारित होता है। इसके लिए उच्च ताप व उच्च दाब की आवश्यकता होती है। अतः हाइड्रोजन बम बनाने के लिए पहले परमाणु बम बनाया जाता है, जो उच्च कोटि का ताप व दाब उत्पन्न करता है। फलस्वरूप हाइड्रोजन के नाभिक एक - दूसरे के अत्यन्त निकट आ जाते हैं और संलयित (जुड़) हो जाती है। इस क्रिया में अत्यधिक ऊर्जा निकलती है। हिड्रोजन बम, परमाणु बम से कहीं अधिक विनाशकारी होता है परमाणु बम का आकार एक सिमा से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता लेकिन हाइड्रोजन बम का आकार कुछ भी रखा जा सकता है।जिससे इसकी विनाश की क्षमता और बढ़ जाती है।
2. हाइड्रोजन बम - यह नाभिकीय संलयन प्रक्रिया पर आधारित होता है। इसके लिए उच्च ताप व उच्च दाब की आवश्यकता होती है। अतः हाइड्रोजन बम बनाने के लिए पहले परमाणु बम बनाया जाता है, जो उच्च कोटि का ताप व दाब उत्पन्न करता है। फलस्वरूप हाइड्रोजन के नाभिक एक - दूसरे के अत्यन्त निकट आ जाते हैं और संलयित (जुड़) हो जाती है। इस क्रिया में अत्यधिक ऊर्जा निकलती है। हिड्रोजन बम, परमाणु बम से कहीं अधिक विनाशकारी होता है परमाणु बम का आकार एक सिमा से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता लेकिन हाइड्रोजन बम का आकार कुछ भी रखा जा सकता है।जिससे इसकी विनाश की क्षमता और बढ़ जाती है।
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