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जो होता है अच्छे के लिए होता है.

जो होता है, अच्छे के लिए होता है


नमस्कार दोस्तों, आज मैं आप लोगों को एक कहानी बता रहा हूं जिसका शीर्षक है 'जो होता है अच्छे के लिए होता है' ठीक है. दोस्तो बहुत पहले की एक घटना है, एक राज्य में एक राजा रहता था, तो एक दिन राजा कुछ काम कर रहा था और दुर्घटनावश उसका एक हाथ का अंगूठा कट जाता है, इस बीच उसका सेनापति वहां आता है राजा दर्द से बहुत कराह रहा था. राजा को दर्द से बहुत तकलीफ हो रही थी, लेकिन उसका जो सेनापति था उसने अपने राजा से बोला महाराज जो होता है अच्छे के लिए होता है आप दुखी ना हो. तो इतना सुनकर राजा को बहुत गुस्सा आया और बोलता है मैं दर्द से तड़प रहा हूं और तुम मुझे बोल रहे हो जो होता है अच्छा होता है और वह अपने सेनापति पर बहुत नाराज होता है फिर अपने सैनिकों से कहता है कि इस दुष्ट को कारागार में डाल दो मैं यहां पर दर्द से तड़प रहा हूं और यह मेरे को समझा रहा है जो होता है अच्छे के लिए होता है. फिर इसके बाद उसके सैनिक उस सेनापति को जेल में डाल देते हैं लेकिन सेनापति कुछ नहीं बोलता अपने आप से कहता है जो होता है अच्छे के लिए होता है ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते हैं तो एक दिन की बात है वह राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने के लिए जंगल जाता है, तो शिकार करते - करते वह अपने सैनिकों से बिछड़ जाता है और काफी दूर निकल जाता है. तो उसी समय उस जंगल में कुछ आदिवासी आते हैं, और आदिवासी उस राजा को पकड़कर अपने साथ ले जाते हैं. उन आदिवासियों का कुछ वार्षिक महोत्सव चलता रहता है जिसमें किसी मानव का बलि देना रहता है तो इसी उद्देश्य उस राजा को पकड़ के अपने साथ लोग ले जाते हैं और जब रात होती है तो उस राजा को बलि चढ़ाने के लिए तैयार किया जाता है. और जैसे ही उस राजा को बलि देने के लिए तैयारी पूरी हो जाती तो उसी समय एक आदिवासी की नजर उसके कटे हुए अंगूठे पर जाता है, तो वह झट से अपने सरदार को बोलता है सरदार हम इस आदमी की बलि नहीं दे सकते क्योंकि इसका एक अंग नहीं है मतलब उसका एक अंगूठा नहीं है. तो वह अपने सरदार को बोलता है,की सरदार हमारा जो देवी है वह अधूरे मानव की बलि को स्वीकार नहीं करती। फिर उनका सरदार उसे छोड़ने का आदेश देता है, फिर उस राजा को छोड़ दिया जाता है और वह धीरे-धीरे ढूंढते ढूंढते अपने राज्य में वापस आ जाता है ठीक तो उसके बाद उस राजा को समझ में आ जाता है कि उस दिन सेनापति ने उसको क्या बोला था ,राजन जो होता है अच्छे के लिए होता है फिर इसी बीच वह पछतावा करते हुए उस सेनापति के पास जाता है और उससे माफी मांगने लगता है. तो सेनापति अपने राजा से कहता है की राजन आप मुझसे माफी मत मांगिए जो होता है अच्छे के लिए होता है तो राजा फिर पूछता है कि फिर कैसे बोल रहे हो भाई जो होता है अच्छे के लिए होता है. तब सेनापति ने अपने राजा को जवाब देता है देखिए राजा उस दिन अगर मैंने आपको यह नहीं कहता कि जो होता है अच्छे के लिए होता है तो आप मुझे इस जेल में नहीं डलवाते, ठीक है अगर आप इस जेल में मेरे को नहीं डलवाते तो उस दिन शिकार करने के लिए जब आप गए थे तो आपके साथ मैं भी जाता और जब वह आदिवासी आप को पकड़कर ले जाते और तो उस दिन आपके साथ में मुझे भी वह अपने साथ ले जाते जब आप को बलि चढ़ाने के लिए करते और जब आप के कटे हुए अंगूठे को देखते तो वह आदिवासी आपको छोड़ के मुझे बलि चढ़ा देते तो इसीलिए आपने मुझे जेल में डालने का आदेश दिया इस वजह से मेरी प्राण बच गई तो इसीलिए बोलता हूं जो होता है अच्छे के लिए होता है ठीक है दोस्तों इस कहानी का मेन मोरल यह है कि हमारे साथ जो भी होता है हमें उसके बारे में पछताना नहीं चाहिए और उसके आगे की सोचना चाहिए और हमें जितना भी मिला है जैसा भी मिला है हमें भगवान का शुक्रगुजार होना चाहिए और हमें हमेशा उसके लिए शिकायत नहीं करनी चाहिए जो हमें प्राप्त नहीं हुआ है बल्कि हमें उससे खुश होने की कोशिश करना चाहिए जो हमें मिला है, या जो हमारे पास है. और उसको उससे अपना खुशी व्यक्त करते हुए और कुछ पाने की कोशिश करना चाहिए दोस्तों यह मेरा आज का कहानी था.
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