सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इमरजेंसी फंड

 रोटी कपड़ा और मकान के बाद आज सबसे ज्यादा जरूरी है, कि हम अपने तथा परिवार के लिए एक इमरजेंसी फंड की व्यवस्था करके रखें। आपको यह इमरजेंसी फंड न केवल आपको आर्थिक स्वतंत्रता दिलाएगा बल्कि भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता तथा अस्थिरता को भी कम करने में आपकी मदद करेगा। अब यह सवाल उठता है कि हमारा इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए, तो सामान्सत़ः आज के समय में जो स्थिति है उसके हिसाब से आपके मासिक आय का 5 से 7 गुना आपके पास इमरजेंसी फंड के रूप में होना चाहिए और यह इमरजेंसी फंड आप की बचत खाता से अलग होना चाहिए। यह इमरजेंसी फंड आपको उस समय काम आएगा जब अचानक आपकी आए किसी भी कारणवश बंद हो जाए तो आपको आर्थिक झटकों से उबरने में मदद करेगा। आप इसकी शुरुआत कैसे करें आप अचानक से पैसा नहीं बचा पाएंगे इसके लिए आप धीरे-धीरे शुरुआत कर सकते हैं। शुरुआत में आपको दिक्कत आएगी लेकिन आप यह निश्चित कर ले कि आपको अपने मासिक आय का कम से कम 5 से 10 प्रतिशत हिस्से को बचत करने की कोशिश करे।ं इसके लिए भी आप खर्च से पहले बचत की सिद्धांत को अपनाएं इससे आपको अंत में बचत करने में आने वाली परेशानी से निजात मिल जाएगी। अगर आप यह सोचेंग

धरती पर पानी की उपलब्धता

  नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गुलाब चन्द यादव है। आज मैं आप लोगों को अपने दैनिक जीवन में पानी के महत्तव के बारे में जानकारी दे रहा हॅॅू। जैसा कि आप सभी जानते है कि इस दुनिया में सभी जीवों के लिए पानी बहुत आवष्यक है। बीना पानी के कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। लेकिन क्या आपको इस धरती पर पानी की उपलब्धता के बारे में पता है।दोस्तों अब आप सोंच रहें होंगे कि इसमे नई बात क्या हेै हम सभी जानते हैं कि पुरा पृथ्वी पर तो महासागरों के रूप में जल ही जल है। जी हॅा दोस्तों हम सभी जानते हैं कि इस पृथ्वी पर तीन चैथाई भाग पर पानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें से हमारे उपयोग के लायक कितना पानी है। दोस्तों सागर के पानी में विभीन्न प्रकार के लवण घुले होते है जिस कारण से यह खारा होता है। हम समुद्र के पानी का उपयोग पीने,नहाने, कपडा धोने, सिंचाई आदी के लिए इसका उपयोग नहीं कर सकते। धरती पर जीतना भी पानी उपलब्ध है उसमें से 97 प्रतिषत सागरों में है, 2 प्रतिषत बर्फ के रूप में तथा 1 प्रतिषत ही जल हमारे उपयोग के लायक हैै। जो कि नदियों, तालाबों, झीलों तथा भूमिगत जल के रूप में उपलब्ध है, जीस पर हम निर्भर हैं।