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ताजमहल का इतिहास.HISTORY OF TAJMAHAL.

                                 ताजमहल का इतिहास   आज मैं आप लोगों के साथ ताजमहल से जुडी बहुत सारी जानकारियां दुँगा जिसके बारे में कम ही लोगो को पता होगा।                     साथियों जैसा की मैंने पिछले लेख में आपको यह बता चूका हूँ क़ि इतिहास में ताजमहल का वर्णन रोजा -ए - मुनव्वर (चमकती समाधि) के रूप में हुआ है। समकालीन इतिहासकारों जिनमें शाहजहाँ के दरबारी इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने अपने किताब ' पादशाहनामा'  में इसका वर्णन किया है। अपने इस लेख में ताजमहल के निर्मांण के सम्बन्ध में विस्तार से उल्लेख किया है। बुनियाद और नींव -: शाहजहाँ के गौरावशाली राज्यारोहण के पांचवे वर्ष (जनवरी,1632) में बुनियाद डालने के लिए यमुना के किनारे खुदाई का कम आरम्भ हुआ। बुनियाद खोदने वालों ने पानी के तल तक जमीन  खोद डाली। फिर राजमिस्त्रियों ने तथा वास्तुकारों ने अपने विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए इसकी मजबूत बुनियाद डाली तथा पत्थर और चुने की मदद से उसे जमीं तक ले आए।  इसके ऊपर ईंट और चुने की मदद से ऊँचा चबूतरा का निर्माण किया गया। यही चबूतरा इस ईमारत का प्लिंथ ( कुर्स

आप स्वयं से प्यार कीजिए।

साथियों इस दुनिया में कई ऐसे लोग होते है, जो अक्सर अपनी तुलना दूसरों से करते रहते हैं। और ऊपर वाले से शिकायत करते रहते हैं, कि भगवान ने मुझे उसके जैसा क्यों नहीं बनाया। किसी को अपने रंग से शिकायत है तो, किसी को अपने चेहरे को लेकर शिकायत होती है,तो किसी को अपने शरीर के आकार से शिकायत होती है, कोई सोचता है कि मैं उसके जैसा हैंडसम क्यों नहीं हूँ,इन सबमें लड़कियां तो दो कदम और आगे होती हैं।               आखिर ये सोचने से कोई फायदा तो होने वाला है नहीं ,ऊपर से अपने आप को दुसरो से कमतर आकने लगते है, तथा अपने अंदर हिन् भावना को बसा लेते हैं। तथा अपना सामाजिक विकास को रोक देते है। अपने अंदर बसी इस भावना को आप निकाल फेकिए आप अपने अंदर आत्मविश्वास को जगाइये। अपने अंदर इस भावना को पैदा करिए, कि आप इस दुनिया में सबसे अलग हैं। अपने आप से प्यार किजीए आप जैसे भी है इस दुनिया में सबसे अलग है। आप में कुछ गुण ऐसे है जो किसी के पास नहीं है। आप को भगवान ने कुछ खास मकसद के लिये इस दुनिया में भेजा है। आप में भी तो कुछ विशेष होगा आप उसी को उभारिए और आपनी नई पहचान बनाइए। फिर देखिये लोग आपकी उस खासियत की वजह

हार मत मानिये।

साथीयो हमें अपने जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिये।हमें अपने जीवन में रोज कोई न कोई समस्या का सामना करना पड़ता है। और हम उन समस्या का समाधान करने की कोशिश करते है।साथियो इन समस्यायों में कई ऐसी समस्याएं  होती है जिनका समाधान हमारे अपने हाथ में होता है। तथा कई समस्या तो ऐसी होती हैं जिनका समाधान हमारे हाथो में नहीं होता। फिर भी हम परेशान होते हैं। हमारे जीवन में कोई भी समस्या आए हमें उसका डट कर सामना करना चाहिये। कभी भी हमें उससे भागना नहीं चाहिये तथा उसको दूर करने का रास्ता खोजना चाहिये। जब भी किसी समस्या से अगर हम हार के बैठेंगे उस दिन से सारे रास्ते भी बंद हो जाएंगे है। और यकिन मानीय साथियो अगर एक बार हम अपने दिमाग में बैठ लिया तो उस दिमाग में उस समस्या का समाधान के लिये कोई नया आइडिया भी आना बंद हो जाएगा और अगर आइडिया आना बंद हो जायगा तो हम कभी उसका हल नहीं खोज पायेगे।  साथियो इस बात को एक उदाहरण के माध्यम से समझतेहै। साथियो यह कहानी जापान से सम्बंधित है, जापानियों को मछलिया खाना बहुत पसंद है इसी वजह से वहाँ मछलियो का अंधाधुंध शिकार हुआ और एक समय आया जब जापान के तट से मछलिया ही

समय का महत्त्व

 साथियों आज मैं आप लोगों के साथ समय के बारे में अपना विचार साझा करना चाहता हूँ। वैसे तो समय के बारे में हर कोई जनता और समझता है। पर हम में से कितने लोग हैं जो समय का सही उपयोग करते है। जैसा की कहा जाता है कि इस दुनिया की सबसे मूल्यवान कोई वस्तु है तो वो है समय।                  कहा जाता है कि जो समय का कद्र नहीं किया उसका  क़द्र समय भी नहीं करता। जो लोग समय को व्यर्थ  गवा रहे है वो लोग समय को नहीं अपने आप को मार रहे है। इस दुनिय में दो तरह के लोग है एक सफल और दूसरे              असफल। भगवन हम  सबको एक तरह ही  बना कर  भेजा है हमको बनाने में भगवान ने कोई पक्षपात नहीं किया है। इस दुनिया में सभी को एक समान दिन और रात मिला है सभी को दिन के 24 घंटे ही मिलते है। तो क्या कारण है की एक व्यक्ति सफलता की ऊंचाई पर होता है तथा एक एक एक व्यक्ति अपने जीवन में सफल नहीं हो पता। अगर इन दोनों लोगो की जीवनचर्या की तुलना की जय तो बहुत हद तक अधिकांस लोगो में एक असमानता जरूर मिलेगी और वो है समय का सदुपयोग। एक सफल व्यक्ति समय का उपयोग इस प्रकार से करता है की उस समय की अधिकतम उत्पादकता के रूप में ले सके। वह

मेरा परिचय

नमस्कार साथियों मेरा नाम गुलाब चन्द यादव है . मै आप सभी का अपने इस ज्ञानवाणी  BLOG पर स्वागत करता हूँ. मैं अपने इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोगो  से नई - नई जानकारिया बाटने का प्रयास करूँगा . तो कृपया आप हमसे जुड़े रहे .  धन्यवाद .